दोहे _ चार
दोहे
दिनांक _ 03/06/2024,,
1)
तिनका तिनका तोड़ कर , बार बार मत तोल ।
सांसों की डोरी पकड़ , यह जीवन अनमोल।।
2)
दरपण देख देख खिले , चेहरे पर मुस्कान ।
बोल न फूटे आपड़ो , मुंह में रक्खे पान ।।
3)
महगाई को देख कर , जनता हारी जाय।
लाल रतन फीके भये,मन को कछु न सुहाय।।
4)
कल को देखा जायगा ,काहे का अनुमान।
कर्म अगर अच्छा दिखे ,बढ़ता जाता मान ।।
✍️ नील रूहानी ( नीलोफर खान)