दोहे
दोहे-
पूजा और नमाज़ की,उसको क्या दरकार।
उठकर करता हर सुबह,जो माँ का दीदार।।1
माँ की जो सेवा करे,बनकर श्रवण कुमार।
खुल जाते उसके लिए,स्वतः स्वर्ग के द्वार।।2
डाॅ बिपिन पाण्डेय
दोहे-
पूजा और नमाज़ की,उसको क्या दरकार।
उठकर करता हर सुबह,जो माँ का दीदार।।1
माँ की जो सेवा करे,बनकर श्रवण कुमार।
खुल जाते उसके लिए,स्वतः स्वर्ग के द्वार।।2
डाॅ बिपिन पाण्डेय