दोहे
दोहे
” योग ”
१) योगासन नियमित करे,हर क्षण रहे निरोग।
करें दूर बीमारियां, योग करे जो लोग ।।
२) जीवन में लाता सदा , योग प्रयोग निखार ।
नियमित इसको कीजिये ,होगा तभी सुधार ।।
३) मोटापे से खीझ कर , करते है व्यायाम ।
तब जाकर मिलता उन्हें , थोड़ा सा आराम ।।
४) भारत ने सिखला दिया , सारे जग को योग ।
खुशी-खुशी करते दिखें , इसका लोग प्रयोग ।।
५) छोटे मोटे कष्ट हों, योगासन से दूर ।
नहीं योग जो नित करें,रहें कष्ट में चूर ।।
६) सुबह साँझ करिये सभी , आसन भाति कपाल।
फर्क तर्क फिर देखिये , क्या है योग कमाल।।
पुष्प लता शर्मा