Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2017 · 1 min read

दोहे….

दोहा…
.
कउन कहै मन के बात, कउन सुनावै तान|
मन कैदी होय गा अब,जब से कीन प्रणाम||
.
पूजन अर्चन सब करा, दीन दीया जलाय|
पूरी होयगै पूजा, माँग न पावा आय||
.
सालत रही मन मा बात, कुछौ न भा उपाय|
जउन रहा वहू गा सब, दीन कहाँ से आय||
.
माटी होयगा सबै, जऊन कीन कमाय|
घर के लुगदी घर रहै, दूसर के न मिलाय||
.
तिल-तिल जोड़ा जायके,महल खड़ा तव जाय|
एकै बार मा सब गवा,अब कछु बचा न भाय||
.
शालिनी साहू
ऊँचाहार, रायबरेली(उ0प्र0)

Language: Hindi
290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कैसे हम आज़ाद हैं?*
*कैसे हम आज़ाद हैं?*
Dushyant Kumar
आई दिवाली कोरोना में
आई दिवाली कोरोना में
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2985.*पूर्णिका*
2985.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Pain changes people
Pain changes people
Vandana maurya
सब कुछ दुनिया का दुनिया में,     जाना सबको छोड़।
सब कुछ दुनिया का दुनिया में, जाना सबको छोड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ख़त्म होने जैसा
ख़त्म होने जैसा
Sangeeta Beniwal
गांव में छुट्टियां
गांव में छुट्टियां
Manu Vashistha
क्या हुआ जो तूफ़ानों ने कश्ती को तोड़ा है
क्या हुआ जो तूफ़ानों ने कश्ती को तोड़ा है
Anil Mishra Prahari
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्यों करते हो गुरुर अपने इस चार दिन के ठाठ पर
क्यों करते हो गुरुर अपने इस चार दिन के ठाठ पर
Sandeep Kumar
वक़्त होता
वक़्त होता
Dr fauzia Naseem shad
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
Shweta Soni
💐प्रेम कौतुक-381💐
💐प्रेम कौतुक-381💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
पूर्वार्थ
जितनी शिद्दत से
जितनी शिद्दत से
*Author प्रणय प्रभात*
प्रेम पत्र बचाने के शब्द-व्यापारी
प्रेम पत्र बचाने के शब्द-व्यापारी
Dr MusafiR BaithA
कैसे कांटे हो तुम
कैसे कांटे हो तुम
Basant Bhagawan Roy
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
Sukoon
घर के राजदुलारे युवा।
घर के राजदुलारे युवा।
Kuldeep mishra (KD)
छुट्टी का इतवार( बाल कविता )
छुट्टी का इतवार( बाल कविता )
Ravi Prakash
एक हसीं ख्वाब
एक हसीं ख्वाब
Mamta Rani
⭕ !! आस्था !!⭕
⭕ !! आस्था !!⭕
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मिट्टी बस मिट्टी
मिट्टी बस मिट्टी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
चिल्हर
चिल्हर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गज़ल
गज़ल
Mahendra Narayan
प्यासा मन
प्यासा मन
नेताम आर सी
Loading...