दोहे
सृजन शब्द-मतदान
लोक तंत्र त्यौहार है, करना है मतदान।
जाति धर्म आधार नहिँ, मानवता पहचान।।
सोच समझ उपयोग कर, अपना ये अधिकार।
लोक तंत्र मजबूत हो, हमारा ये हथियार।।
पढा लिखा इंसान हो,नेता वो दमदार।
सुने बात लाचार की, ऐसा ही दरकार ।।
वोट बड़ा अनमोल है, जानो ये उपहार।
चलो करें मतदान हम,चुननी है सरकार।।
सभी समझ संदेश ले, देना मत भरपूर।
अभी करो संकल्प तुम, होना मत मजबूर।।
सीमा शर्मा “अंशु”