दोहे
दिल से दिल की बात सुन, दिल से कर विश्वास।
दिल से बड़ा न बावरा, दिल से बड़ी न आस।।
2
माना मुद्दा है बड़ा, अफवाहें भी तेज़।
दिल थामे पढ़ते रहो, बदल बदल कर पेज।
3
अपनी-अपनी कह रहे, चूहे, बिल्ली शेर।
आया गीदड़ पढ़ गया, और किसी के ‘शेर’।।
सूर्यकांत
दिल से दिल की बात सुन, दिल से कर विश्वास।
दिल से बड़ा न बावरा, दिल से बड़ी न आस।।
2
माना मुद्दा है बड़ा, अफवाहें भी तेज़।
दिल थामे पढ़ते रहो, बदल बदल कर पेज।
3
अपनी-अपनी कह रहे, चूहे, बिल्ली शेर।
आया गीदड़ पढ़ गया, और किसी के ‘शेर’।।
सूर्यकांत