दोहे
करते सच से सामना, दिल में रखते चोर।
देखे अपने पांव को, रोवे आंगन मोर।।
2
कह न सके निज भाव को, बड़े-बड़े उस्ताद।
लेते रहे वो उम्र भर, पर पीड़ा पर दाद।।
सूर्यकांत
करते सच से सामना, दिल में रखते चोर।
देखे अपने पांव को, रोवे आंगन मोर।।
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कह न सके निज भाव को, बड़े-बड़े उस्ताद।
लेते रहे वो उम्र भर, पर पीड़ा पर दाद।।
सूर्यकांत