Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

दोहे

कोरोना के काल में, हर जन था भयभीत ।
हार मनुज की यह कहूँ, या प्रकृति की जीत।१।

चली हवा शह-मात की, बात बिना आधार।
ज्ञानवान वे बन गये, बिकते जो बाजार।२।

श्रावण की शुभ पूर्णिमा, धागों का त्यौहार ।
सागर से गहरा होता, बहन-भ्रातृ का प्यार ।३।

इन्द्राणी ने इंद्र को, बाँधी रक्षा डोर।
जीते सुर संग्राम तब, शंखनाद चहुँ ओर।४।

गुरुजन धागा शिष्य को, बांधि बताते मर्म ।
रहो समर्पित धर्म को, करो सदा सत्कर्म।५।

आये नहिं परदेश से, बीत रहा मधुमास।
नैन थके मग देखते, पिया मिलन की आस।६।

पिया मिलन की आस में, लगी जिया में आग।
बिन पीतम बोलो सखी, खेलूँ कैसे फाग।७।

आज उठाऊॅं लेखनी, लिख दूँ यह संदेश।
मैं विरहन बेकल यहाँ, आप बसे परदेश।८।

– नवीन जोशी ‘नवल’

Language: Hindi
2 Likes · 108 Views
Books from डॉ नवीन जोशी 'नवल'
View all

You may also like these posts

*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां
स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां
Madhuri mahakash
प्रभु संग प्रीति
प्रभु संग प्रीति
Pratibha Pandey
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
पूर्वार्थ
नमन उस वीर को शत-शत...
नमन उस वीर को शत-शत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हमेशा फूल दोस्ती
हमेशा फूल दोस्ती
Shweta Soni
वो कौन थी
वो कौन थी
डॉ. एकान्त नेगी
*आज बड़े अरसे बाद खुद से मुलाकात हुई हैं ।
*आज बड़े अरसे बाद खुद से मुलाकात हुई हैं ।
Ashwini sharma
बेपनाह मोहब्बत है पर दिखा नहीं सकता,
बेपनाह मोहब्बत है पर दिखा नहीं सकता,
श्याम सांवरा
..........जिंदगी.........
..........जिंदगी.........
Surya Barman
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
इस अजब से माहौल में
इस अजब से माहौल में
हिमांशु Kulshrestha
“ गोलू का जन्म दिन “ ( व्यंग )
“ गोलू का जन्म दिन “ ( व्यंग )
DrLakshman Jha Parimal
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
Ajit Kumar "Karn"
5) “पूनम का चाँद”
5) “पूनम का चाँद”
Sapna Arora
व्याकरण कविता
व्याकरण कविता
Neelam Sharma
नई ज़िंदगी
नई ज़िंदगी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
** राह में **
** राह में **
surenderpal vaidya
गीत- चले आओ...
गीत- चले आओ...
आर.एस. 'प्रीतम'
🌹खूबसूरती महज....
🌹खूबसूरती महज....
Dr .Shweta sood 'Madhu'
शीर्षक-तुम मेरे सावन
शीर्षक-तुम मेरे सावन
Sushma Singh
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कब आओगे ? ( खुदा को सदाएं देता एक गमगीन दिल ...)
कब आओगे ? ( खुदा को सदाएं देता एक गमगीन दिल ...)
ओनिका सेतिया 'अनु '
सदियों से कही-सुनी जा रही बातों को यथावत परोसने और पसंद करने
सदियों से कही-सुनी जा रही बातों को यथावत परोसने और पसंद करने
*प्रणय*
शिव
शिव
Dr. Vaishali Verma
भक्त जन कभी अपना जीवन
भक्त जन कभी अपना जीवन
महेश चन्द्र त्रिपाठी
शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं
शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं
Ritu Asooja
हमनवा
हमनवा
Bodhisatva kastooriya
" दाग "
Dr. Kishan tandon kranti
सफ़र जिंदगी का (कविता)
सफ़र जिंदगी का (कविता)
Indu Singh
Loading...