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17 Oct 2016 · 1 min read

दोहे

दोहा

दुखियारे घर घर बसे,कोउ न देखन जाय ।
देखन उनको जाये जो ,कोटिक आशिष पाय ॥

देख जगत की नीति मैं ,खडी -खडी बौराउँ।
हेरफेर की रीति में , कैसे प्रीति निभाउँ ॥

खड़ी बीच बाजार मैं, माँगू सबकी खैर ,
सब अपनी झोली भरे , छोड़े न हेरफेर॥

Language: Hindi
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