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13 Aug 2021 · 1 min read

दोहे

हम सबकी रक्षा करो,नीलकंठ भगवान ।
सर्प डस रहे दांत से ,बातों से इंसान।।

धरती पर बढ़ने लगा, विषधारी का राज।
मानव ही डसने लगा ,मानवता को आज ।।

आस्तीन में पल रहा ,सर्वाहारी आज ।
मानुष मयूर नेवला ,गिद्द चील औ बाज।।

नागवंशजों की रखें ,चित्रगुप्तजी लाज।
मानवता लज्जित न हो,मानव करें सुकाज।।

✍?श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 586 Views
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