#दोहे
सौदा सोच दिमाग़ से , दिल से होता प्यार।
दिल पर किसका जोर है , लुटे भरे बाजार।।
प्यार दिलों में हो तभी , सुंदर हों अल्फाज़।
चाह कली को फूल की , यही सुरभि का राज़।।
दर्द दिलों को माँजता , करता यही सुजान।
समझ दर्द की हर रखे , दर्दे-दिल इंसान।।
प्यार बढ़े विश्वास से , रखना दिल में धार।
हर संकट का हल यहाँ , नहीं इसी का यार।।
इश्क़ दिलों की लग्न है , इश्क़ दिलों की अग्न।
छल से रहते दूर जो , वही इश्क़ में मग्न।।
अपना घर जो फूँक कर , चले और की ओर।
उन्हें नहीं मिलता कभी , ख़ुशी प्रेम का छोर।।
वादा वो ही हर करो , वश में जिसकी डोर।
डोर नहीं गर हाथ में , बनो नहीं मुँहजोर।।
#आर.एस.’प्रीतम’