Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2016 · 1 min read

दोहे

पढ़कर के अखबार अब , पुरखे भी हैरान .
बढ़िया है बानर रहे , बने न हम इंसान .
हत्या लूट खसोट की , ना कीजै अब बात .
अब टॉपर के खेल में , होते भीतरघात .
अभी तलक तो कैद है , हर सीने में आग .
धधक गयी कुर्सी सहित , जल जायेगा भाग .
जिनके मत से आप हो . समझो उनकी बात .
चार दिनों की चांदनी ,फिर तो काली रात .
कठपुतली भी हँस रही , देख मनुज का हाल .
नर से नारायण बड़ा , लिखता सबका भाल .
——— सतीश मापतपुरी

Language: Hindi
1 Comment · 278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2971.*पूर्णिका*
2971.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं अकेली हूँ...
मैं अकेली हूँ...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
Ranjeet kumar patre
घास को बिछौना बना कर तो देखो
घास को बिछौना बना कर तो देखो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
A Donkey and A Lady
A Donkey and A Lady
AJAY AMITABH SUMAN
तुम तो ठहरे परदेशी
तुम तो ठहरे परदेशी
विशाल शुक्ल
चांदनी रात
चांदनी रात
Mahender Singh
आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*चार साल की उम्र हमारी ( बाल-कविता/बाल गीतिका )*
*चार साल की उम्र हमारी ( बाल-कविता/बाल गीतिका )*
Ravi Prakash
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
Dr Manju Saini
“गणतंत्र दिवस”
“गणतंत्र दिवस”
पंकज कुमार कर्ण
जय भवानी, जय शिवाजी!
जय भवानी, जय शिवाजी!
Kanchan Alok Malu
कभी सब तुम्हें प्यार जतायेंगे हम नहीं
कभी सब तुम्हें प्यार जतायेंगे हम नहीं
gurudeenverma198
"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
भीष्म देव के मनोभाव शरशैय्या पर
भीष्म देव के मनोभाव शरशैय्या पर
Pooja Singh
"टी शर्ट"
Dr Meenu Poonia
* मुस्कुराते नहीं *
* मुस्कुराते नहीं *
surenderpal vaidya
खेल,
खेल,
Buddha Prakash
अच्छा लगने लगा है उसे
अच्छा लगने लगा है उसे
Vijay Nayak
11, मेरा वजूद
11, मेरा वजूद
Dr Shweta sood
इंसान में नैतिकता
इंसान में नैतिकता
Dr fauzia Naseem shad
होली
होली
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
सूर्य देव
सूर्य देव
Bodhisatva kastooriya
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
कवि दीपक बवेजा
■ होली की ठिठोली...
■ होली की ठिठोली...
*Author प्रणय प्रभात*
, गुज़रा इक ज़माना
, गुज़रा इक ज़माना
Surinder blackpen
It is necessary to explore to learn from experience😍
It is necessary to explore to learn from experience😍
Sakshi Tripathi
आज यूँ ही कुछ सादगी लिख रही हूँ,
आज यूँ ही कुछ सादगी लिख रही हूँ,
Swara Kumari arya
Loading...