Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2020 · 1 min read

दोहे भक्ति भाव & सर्दी की ठिठुरन गयी

????
सुप्रभात मित्रों ?❤️?
गौवर्धन महाराज की, बोलें जय जयकार।
गौ माता इस जगत के, जीवन का आधार।।
दूध दही माखन मिले, मिलता जैविक खाद।
औषधीय गुण हैं बहुत,स्वस्थ रहे संसार।।
******************************

सर्दी की ठिठुरन गयी,आया है मधुमास।
रवि रथ पर आरूढ हो,बंधा रहा है आस।
पूरब से निकला सहज, हुआ शुभ्र परभात।(१)
भोर खिली अनुपम छटा,लिए सुनहला गात।।
******

विषय: भक्ति भाव
भक्ति भाव से कीजिए,अर्चन प्रभु श्रीराम।
जो हनुमत वंदन करे,बनते बिगड़े काम।।
करें ईश भक्ति सदा,उर में धरकर ध्यान।
कष्ट मिटें तन के सभी,सहज होय कल्यान।।

?अटल मुरादाबादी✍️

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 404 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
असली नकली
असली नकली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
Raju Gajbhiye
मी ठू ( मैं हूँ ना )
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh
“बदलते भारत की तस्वीर”
“बदलते भारत की तस्वीर”
पंकज कुमार कर्ण
हम कोई भी कार्य करें
हम कोई भी कार्य करें
Swami Ganganiya
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
♥️पिता♥️
♥️पिता♥️
Vandna thakur
कुछ भी होगा, ये प्यार नहीं है
कुछ भी होगा, ये प्यार नहीं है
Anil chobisa
"कष्ट"
नेताम आर सी
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Mamta Rani
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
दुष्यन्त 'बाबा'
गाडगे पुण्यतिथि
गाडगे पुण्यतिथि
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
दूर अब न रहो पास आया करो,
दूर अब न रहो पास आया करो,
Vindhya Prakash Mishra
ज़िंदगी चाहती है जाने क्या
ज़िंदगी चाहती है जाने क्या
Shweta Soni
"चापलूसी"
Dr. Kishan tandon kranti
संवेदना...2
संवेदना...2
Neeraj Agarwal
तलाकशुदा
तलाकशुदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
তার চেয়ে বেশি
তার চেয়ে বেশি
Otteri Selvakumar
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
कुछ काम करो , कुछ काम करो
कुछ काम करो , कुछ काम करो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अभी तक हमने
अभी तक हमने
*Author प्रणय प्रभात*
बघेली कविता -
बघेली कविता -
Priyanshu Kushwaha
हिसाब
हिसाब
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
क्रोध
क्रोध
ओंकार मिश्र
जख्म भी रूठ गया है अबतो
जख्म भी रूठ गया है अबतो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
* बिखर रही है चान्दनी *
* बिखर रही है चान्दनी *
surenderpal vaidya
घर और घर की याद
घर और घर की याद
डॉ० रोहित कौशिक
3144.*पूर्णिका*
3144.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझमें मुझसा
मुझमें मुझसा
Dr fauzia Naseem shad
"एक सुबह मेघालय की"
अमित मिश्र
Loading...