शुभ विचार उच्च जीवन
हँसके मिलिए प्रीत से,उज्ज्वल लिए विचार।
जैसे होता फूल है,रंग गंध सम सार।।
प्रीतम ऊँची सोच रख,शीतल नेक स्वभाव।
जैसे छाया पेड़ दे,थके पथिक का ठाँव।।
ऐसी करनी कीजिए,सदा रहे जो याद।
सुनके सारे सीख लें,हो जाएँ आबाद।।
प्रीतम पगला क्यों फिरे,बन माया का दास।
इच्छाएँ मरती नहीं,रहता अंत उदास।।
प्रीतम मस्ती कीजिए,जीवन हो ख़ुशहाल।
शोभा ऐसी बन रहे,ज्यों फूलों की डाल।।
ईमान रहे मन भरा,दूर रहे जंजाल।
सच्चा जीवन शांति दे,झूठ करे बेहाल।।
प्रीतम ख़ुशियाँ बाँटिए,मीठे बोलो बोल।
कोयल तो अच्छी लगे,वाणी का ही मोल।।
आर.एस.प्रीतम