#दोहे//सत्य जीवन का
किसी हेतु अच्छा करें,शकी लगेंगे आप।
बुरा करें तब भी सुनो,पाएँगे उर श्राप।।
क्रोध शांत क्षण भर करो,सुखी रहोगे आप।
क्षण भर का गुस्सा बने,दशकों का संताप।।
भला झूठ से मौन है,अदा भरी सौग़ात।
मौन रहे फिर भी कहे,बात शांति की रात।।
काम करो ईमान से,छोड़ दिखावा हाल।
गधा शेर बनता नहीं,पहन शेर की खाल।।
अपनों के आशीष से,बंधन बनें अटूट।
हृदय भरा विश्वास हो,पड़े कभी ना फूट।।
प्रेमभाव की हो समझ,संस्कारों लबरेज़।
वहाँ बुराई भी करे,आने से परहेज़।।
मित्र हुआ या शत्रु हो,रहे हमेशा याद।
कड़वे मीठे भाव का,चले हृदय संवाद।।
#आर.एस.’प्रीतम’
सर्वाधिकार सुरक्षित दोहे