दोहे-मुट्ठी
हिंदी दोहा- विषय मुठ्ठी
मुठ्ठी में है संगठन , ताकत का प्रतिमान |
इसको #राना जानिए ,यह जीवन में भान ||
#राना मुठ्ठी बाँधकर , जहाँ उठाते लोग |
दिखे सफलता का वहाँ , सुंदर एक नियोग ||
हम सब मुठ्ठी बाँधकर , रहें जहाँ पर एक |
वहाँ काम #राना सभी , लगते हमें सुनेक ||
कुछ की मुट्ठी में फँसे , बुद्धि हीन जो लोग |
उनकी किस्मत में सदा , #राना रहते रोग ||
साहस के प्रतिमान से , मुठ्ठी भर भी लोग |
काम बड़े अच्छे करें ,#राना पाकर योग ||
मुठी बाँधें हैं धना , #राना सोचे राज |
आज हमें क्या मिल रहा , करने कोई काज ||
***
✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com