Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2024 · 1 min read

दोहे – नारी

नारी …..

नारी तेरे भाग्य में, सुख का सदा अभाव ।
जग जन्ती तू कोख से, जग ही देता घाव ।।

नारी तूने कर दिया, नर पर तन मन वार ।
बदले में तुझको मिला, दृग जल का उपहार ।।

अबला सबला हो गई, कहने की है बात ।
जाने कितने सह रही, घुट-घुट वो आघात ।।

नर से नारी माँगती, बस थोड़ा सा प्यार ।
छलता उसकी सादगी , यह छलिया संसार ।।

नारी नर का मान है, उसका है संसार ।
वो उसकी है आत्मा, वो उसका शृंगार ।।

सुशील सरना / 9-1-24

163 Views

You may also like these posts

चिरैया (कविता)
चिरैया (कविता)
Indu Singh
👍👍👍
👍👍👍
*प्रणय*
"वीर सेनानी"
Shakuntla Agarwal
देखो वो देश जलाकर
देखो वो देश जलाकर
योगी कवि मोनू राणा आर्य
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
पूर्वार्थ
ശവദാഹം
ശവദാഹം
Heera S
हर‌ शख्स उदास है
हर‌ शख्स उदास है
Surinder blackpen
Two Scarred Souls And The Seashore.
Two Scarred Souls And The Seashore.
Manisha Manjari
तुम्हारी आंखें
तुम्हारी आंखें
Jyoti Roshni
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
Ashwini sharma
"प्यार सच्चा था"
Dr. Kishan tandon kranti
पेड़ लगाओ एक - दो, उम्र हो रही साठ.
पेड़ लगाओ एक - दो, उम्र हो रही साठ.
RAMESH SHARMA
व्यथा
व्यथा
Laxmi Narayan Gupta
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तेरा हासिल
तेरा हासिल
Dr fauzia Naseem shad
तू साथ नहीं
तू साथ नहीं
Chitra Bisht
दोहा पंचक. . . . जिंदगी
दोहा पंचक. . . . जिंदगी
sushil sarna
पति पत्नी में परस्पर हो प्यार और सम्मान,
पति पत्नी में परस्पर हो प्यार और सम्मान,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
Sonam Puneet Dubey
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
Awadhesh Kumar Singh
झरते फूल मोहब्ब्त के
झरते फूल मोहब्ब्त के
Arvina
नयनो का महिमा
नयनो का महिमा
Mukund Patil
नारी- शक्ति आह्वान
नारी- शक्ति आह्वान
Shyam Sundar Subramanian
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
Suryakant Dwivedi
सच और सोच
सच और सोच
Neeraj Agarwal
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
शेखर सिंह
बादल///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
बादल///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
स्वतंत्र ललिता मन्नू
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
DrLakshman Jha Parimal
Loading...