दोहे – डी के निवातिया
दोहे
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पत्नी पूजा कीजिये, इनसे घर की शान !
जिस पर कृपा ये करे, हो जाए धनवान !!
पत्नी घर की स्वामिनी, रखे सबका ध्यान !
इनसे सुख समृद्धि ये खुशियों की खान !!
शीश नवा कर पूजिये, बेटी धन अनमोल !
दो घर की संवाहिनी, देवी कहकर बोल !!
बेटी घर की शान है, बेटी घर का मान !
मन से इन्हे पालिये, ये खुशियों की खान !!
बेटी से नाते बने, रिश्ते घर परिवार !
बेटी सर का ताज भी, और गले का हार !!
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स्वरचित: – डी के निवातिया