दोहे- उड़ान
हिंदी दिवस विषय – उड़ान*
#राना जो साहस रखे , भरते वही उड़ान |
लक्ष्य उन्हीं को मिल सके , जो बनते प्रतिमान ||
किसकी कहाँ उड़ान है , यह भी लेना देख |
#राना उससे हो अधिक , आगे अपनी रेख ||
जब उड़ान की बात हो , बनना प्रथम समर्थ |
#राना चिंतन कीजिए , समझों इसका अर्थ ||
कठनाई नहीं उड़ान में ,#राना रह तैयार |
साहस के पंखे बना , उड़ना उन्हें पसार ||
चंद्रयान विज्ञान ने , #राना भरी उड़ान |
भारत का डंका बजा , किया सभी ने गान ||
एक हास्य दोहा –
धना कहे #राना सुनो , भरकर आप उड़ान |
खबर मायके की कहो , कौन बने पकवान ||
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✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़*
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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