दोहे आज कर
मित्रो नमस्कार
आज के दोहे ………….—————
कवि वाणी पाती नहीं ,जहाँ उचित सम्मान ।
दुनियां में उस देश का ,रक्षक है भगवान ।।
कविता जहाँ स्वतंत्र है ,कवि है जहाँ स्वतंत्र ।
हो सकता हरगिज नहीं, वही देश परतंत्र ।।
मित्रो नमस्कार
आज के दोहे ………….—————
कवि वाणी पाती नहीं ,जहाँ उचित सम्मान ।
दुनियां में उस देश का ,रक्षक है भगवान ।।
कविता जहाँ स्वतंत्र है ,कवि है जहाँ स्वतंत्र ।
हो सकता हरगिज नहीं, वही देश परतंत्र ।।