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9 Jul 2022 · 1 min read

#दोहे #अवधेश_के_दोहे

#दोहे #अवधेश_के_दोहे

1
नियत रहे जिसकी सदा, उमनगोट सी साफ ।
उसकी सारी गलतियां, हो सकतीं हैं माफ ।
2
दिनचर्या नियमित रहे, करें योग व्यायाम ।
ध्यान पाठ पूजा करें, निष्ठापूर्वक काम ।
3
अवगुण खुद के देखता, औरों के गुण मात्र ।
शुद्ध हृदय रखकर बने, राम कृपा का पात्र ।
4
राम कृष्ण या ज्ञान की, कथा कहें जो ग्रंथ ।
पढ़ें सुनें पूजें उन्हें, गुरु सम मानें पंथ ।
5
ज्ञान मिले जिससे हमें, दे जो आशीर्वाद ।
गुरु करते हैं जो कृपा, रहे हमेशा याद ।

© अवधेश कुमार सक्सेना “अवधेश”
शिवपुरी, मध्य प्रदेश

*उमनगोट= मेघालय की एक अत्यंत साफ नदी ।

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