दोहा
1.
बाट देखते बाँट का, लिए हाथ में बाट।
बखरा का चक्कर चला, मूल ले गए काट।।
2.
भाग्य भरोसे भागते, ढूँढ रहे निज भाग।
यत्न भगीरथ जो करे, भाग गुने अनुराग।
3.
भाव भयानक भूस में, कर में सायक तान।
सानी तज के साँढ़ भी, करे वाह श्रीमान।
©नवल किशोर सिंह
24/03/2021