दोहा
राह कटीली बहुत है, पग पग पर अवरोध,
राम भजन से सुगम है, यह मेरा अनुरोध l
माया मय संसार है, जाग्रत होता मोह,
राम भजन से छूटता, कैसा भी हो द्रोह l
राह कटीली बहुत है, पग पग पर अवरोध,
राम भजन से सुगम है, यह मेरा अनुरोध l
माया मय संसार है, जाग्रत होता मोह,
राम भजन से छूटता, कैसा भी हो द्रोह l