Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
गुमनाम 'बाबा'
25 Followers
Follow
Report Content
24 Aug 2024 · 1 min read
दोहा
दोहा
जब-जब लोगों की बढ़ी, हद से ज्यादा आय।
कुत्ते घर में आ गए, निकली बाहर गाय।।
©दुष्यंत ‘बाबा’
Tag:
Quote Writer
Like
Share
23 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
एकतरफ़ा इश्क
Dipak Kumar "Girja"
बाल एवं हास्य कविता : मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
ସେହି ଚୁମ୍ବନରୁ
Otteri Selvakumar
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम पीड़ा
Shivkumar barman
You are the sanctuary of my soul.
Manisha Manjari
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट।
गुमनाम 'बाबा'
तुम्हारी आँखें कमाल आँखें
Anis Shah
पल परिवर्तन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
Sanjay ' शून्य'
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
शिशिर ऋतु-३
Vishnu Prasad 'panchotiya'
ज्ञान पुंज गुरु मानिए,
sushil sarna
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
3632.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*चम्मच पर नींबू रखा, डंडी मुॅंह में थाम*
Ravi Prakash
आज का युवा कैसा हो?
Rachana
साथ है मेरे सफर में, ये काँटें तो अभी तक
gurudeenverma198
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दहेज.... हमारी जरूरत
Neeraj Agarwal
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
I never force anyone to choose me. If you think you can find
पूर्वार्थ
बढ़ना होगा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
Tarun Garg
VOICE OF INTERNAL SOUL
SURYA PRAKASH SHARMA
गर्मी की छुट्टियां
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Independence- A mere dream
Chaahat
Loading...