Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2023 · 1 min read

दोहा –

दोहा –

गम की गलियों से गुजर,जब मिलती है राह।
तभी सफलता स्वाद दे,करे प्रफुल्लित वाह।।
डाॅ. बिपिन पाण्डेय

1 Like · 316 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
Mahima shukla
वतन के लिए
वतन के लिए
नूरफातिमा खातून नूरी
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मोहब्बत कि बाते
मोहब्बत कि बाते
Rituraj shivem verma
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
sushil yadav
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
“फेसबूक का व्यक्तित्व”
“फेसबूक का व्यक्तित्व”
DrLakshman Jha Parimal
*जो सहनशील है कभी नहीं, अधिकार जगत में पाएगा (राधेश्यामी छंद
*जो सहनशील है कभी नहीं, अधिकार जगत में पाएगा (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
शांति से खाओ और खिलाओ
शांति से खाओ और खिलाओ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
क्या कहूं उस नियति को
क्या कहूं उस नियति को
Sonam Puneet Dubey
**** दर्द भरा मुक्तक *****
**** दर्द भरा मुक्तक *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सात जन्मों की शपथ
सात जन्मों की शपथ
Bodhisatva kastooriya
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
विचलित
विचलित
Mamta Rani
उम्र आते ही ....
उम्र आते ही ....
sushil sarna
आरम्भ
आरम्भ
Neeraj Agarwal
गुरु अंगद देव
गुरु अंगद देव
कवि रमेशराज
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
अरशद रसूल बदायूंनी
3936.💐 *पूर्णिका* 💐
3936.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
महत्व
महत्व
Dr. Kishan tandon kranti
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
Keshav kishor Kumar
हौसला है कि टूटता ही नहीं ,
हौसला है कि टूटता ही नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
😊धन्य हो😊
😊धन्य हो😊
*प्रणय*
हम सब एक दिन महज एक याद बनकर ही रह जाएंगे,
हम सब एक दिन महज एक याद बनकर ही रह जाएंगे,
Jogendar singh
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Sakshi Tripathi
"रिश्तों के धागे टूट रहे हैं ll
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...