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5 Sep 2023 · 1 min read

दोहा

दोहा
गुरू ज्ञान का कोष हैं, शिष्य गुणों से हीन।
दया, क्षमा, सद्भावना, चाहें हम सब दीन।।
©दुष्यन्त ‘बाबा’

1 Like · 539 Views
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