" बोलती आँखें सदा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सुबह का नमस्कार ,दोपहर का अभिनंदन ,शाम को जयहिंद और शुभरात्र
नरभक्षी एवं उसका माँ-प्यार
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
दैनिक जीवन में सब का तू, कर सम्मान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।