दोहा
पीर हिया में उस घड़ी, करे बड़ा ही शोर।
मात-पिता से जब तनय, बोले वचन कठोर।।
सत्य आचरण खो गया, आया कलियुग घोर।
सास ससुर से अब बहू, लेती काम कठोर।।
प्रीतम श्रावस्तवी
पीर हिया में उस घड़ी, करे बड़ा ही शोर।
मात-पिता से जब तनय, बोले वचन कठोर।।
सत्य आचरण खो गया, आया कलियुग घोर।
सास ससुर से अब बहू, लेती काम कठोर।।
प्रीतम श्रावस्तवी