Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2023 · 1 min read

दोहा

पीर हिया में उस घड़ी, करे बड़ा ही शोर।
मात-पिता से जब तनय, बोले वचन कठोर।।

सत्य आचरण खो गया, आया कलियुग घोर।
सास ससुर से अब बहू, लेती काम कठोर।।

प्रीतम श्रावस्तवी

Language: Hindi
300 Views

You may also like these posts

पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
Sanjay ' शून्य'
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
कविता.
कविता.
Heera S
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
Dr Archana Gupta
अच्छा लिखने की तमन्ना है
अच्छा लिखने की तमन्ना है
Sonam Puneet Dubey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
"मुझे देखकर फूलों ने"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यासी कली
प्यासी कली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खर्च कितना करें
खर्च कितना करें
मधुसूदन गौतम
अभाव अमर है
अभाव अमर है
Arun Prasad
जैसे कि हर रास्तों पर परेशानियां होती हैं
जैसे कि हर रास्तों पर परेशानियां होती हैं
Sangeeta Beniwal
लोई-कम्बल
लोई-कम्बल
*प्रणय*
शिष्य
शिष्य
Shashi Mahajan
भावना में
भावना में
surenderpal vaidya
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
कवि रमेशराज
सबसे सुन्दर प्यारा देश
सबसे सुन्दर प्यारा देश
Nitesh Shah
पितृ स्वरूपा,हे विधाता..!
पितृ स्वरूपा,हे विधाता..!
मनोज कर्ण
बैंकर
बैंकर
Khajan Singh Nain
नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन
नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन
Kanchan Gupta
अपने सपने तू खुद बुन।
अपने सपने तू खुद बुन।
श्रीकृष्ण शुक्ल
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
सत्य कुमार प्रेमी
जीवनदायिनी बैनगंगा
जीवनदायिनी बैनगंगा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आप और हम जीवन के सच ..........एक प्रयास
आप और हम जीवन के सच ..........एक प्रयास
Neeraj Agarwal
कुछ उन्हें भी याद कर लो
कुछ उन्हें भी याद कर लो
Sukeshini Budhawne
कतरा कतरा बिखर रहा था ।
कतरा कतरा बिखर रहा था ।
अनुराग दीक्षित
पुरुषार्थ
पुरुषार्थ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
4219💐 *पूर्णिका* 💐
4219💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी सबको अच्छी लगती है ,
ज़िंदगी सबको अच्छी लगती है ,
Dr fauzia Naseem shad
समस्त जगतकी बहर लहर पर,
समस्त जगतकी बहर लहर पर,
Neelam Sharma
*आम (बाल कविता)*
*आम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Loading...