// दोहा पहेली //
// दोहा पहेली //
बचा कभी ढेला नहीं,
छिपा गोडसे पर्स
गाँधी टिके न जेब में,
कैसे उपजे हर्ष
– महावीर उत्तरांचली
// दोहा पहेली //
बचा कभी ढेला नहीं,
छिपा गोडसे पर्स
गाँधी टिके न जेब में,
कैसे उपजे हर्ष
– महावीर उत्तरांचली