दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
मृदु भाषी व्यक्तित्व हो ,संयत हो व्यवहार ।
ऐसे जीवन को करे, याद सदा संसार ।।
जीवन भर मिटते नहीं, शब्द शरों के घाव ।
मूक वेदना नयन में, भर देती है स्राव ।।
वरण मौन का जो करे, जब हो कटु संवाद ।
सुखद मिलें परिणाम जब, थम जाते उन्माद ।।
सुशील सरना / 1-2-24