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5 Jun 2024 · 1 min read

दोहा त्रयी. . . . चित्रकार

दोहा त्रयी. . . . चित्रकार

चित्रकार से क्या छुपी, मौन चित्र की बात ।
रंगों के सैलाब में, धड़क रहे जज्बात ।।

उसकी तूलिका ने भरा , इस जग में वो रंग ।
कहीं वेदना पृष्ठ पर, चित्रित कहीं उमंग ।।

चित्रकार चित्रित करे, सुख – दुख के दो रंग ।
जीवन भर हालात से, मानव करता जंग ।।

सुशील सरना / 5-6-24

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