Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
तिलक तनौदी 'स्वच्छंद'
2 Followers
Follow
Report this post
27 Nov 2022 · 1 min read
दोहा छंद
मन से ईर्ष्या त्याग दो, और सवारों काज।
शुखमय जीवन का यही, बहुत बड़ा है राज।
Language:
Hindi
Like
Share
86 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
बस मुझे मेरा प्यार चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
दौर ऐसा हैं
SHAMA PARVEEN
सर पर हाथ रख दूं तो आजाद हो जाएगा,
P S Dhami
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
Bodhisatva kastooriya
सलाह के सौ शब्दों से
Ranjeet kumar patre
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बहे संवेदन रुप बयार🙏
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
आसान बात नहीं हैं,‘विद्यार्थी’ हो जाना
Keshav kishor Kumar
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
Neelofar Khan
//•••कुछ दिन और•••//
Chunnu Lal Gupta
पितृ दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मन के दीये जलाओ रे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दीपक और दिया
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
दीपक सरल के मुक्तक
कवि दीपक बवेजा
मुकाबला करना ही जरूरी नहीं......
shabina. Naaz
4450.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सच ही सच
Neeraj Agarwal
सितमज़रीफी किस्मत की
Shweta Soni
हास्य गीत
*प्रणय*
एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में,
Manisha Manjari
संघर्ष की राहों पर जो चलता है,
Neelam Sharma
"काश"
Dr. Kishan tandon kranti
এটা আনন্দ
Otteri Selvakumar
टूटे पैमाने ......
sushil sarna
*कभी लगता है जैसे धर्म, सद्गुण का खजाना है (हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
खोटे सिक्कों के जोर से
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अंदाजा था तुम्हें हमारी हद का
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...