दोहा छंद के माध्यम से स्ववृत्त(परिचय)
दोहा छंद के माध्यम से स्ववृत्त(परिचय)
===================
प्रथम चरण में नाम का, दूजे में निज काम।
लिखता आज प्रताप फिर, दोहा छंद स्वनाम।।०१।।
================================
#राहुल से प्रारंभ हो, मध्यम् नाम #प्रताप।
#सिंह बना उपनाम है, भानुह् जैसा ताप।।०२।।
================================
हिंदू क्षत्रिय वंश मे, कुल मेरा #जयशूर।
मूल निवासी मैं सदा, कोटर ग्राम हुजूर।।०३।।
================================
दादा-दादी संग में, बता रहा हूँ नाम।
पितामही हैं #फूलमति, दादा #मोलेराम।।०४।।
================================
मात-पिता हैं देव सम, करें सभी सम्मान।
आओ आज करा रहा, मैं उनकी पहचान।।०५।।
================================
माँ का #प्रतिमा नाम है, पिता #नरेंद्र प्रताप।
अनुजा #रेखा , #रश्मि हैं,अनुज #ऋषभ है आप।।०६।।
===================================
चाचा-चाची से भरा , कुल अपना है मीत।
#अमित,#अजय अग्रज हुए, उनके अनुज #अजीत।।०७।।
==================================
शिक्षा मैंने पूर्ण की, जाकर हैद्राबाद।
विद्वान, सुपंडित बनूँ, नाम करूँ आबाद।।०८।।
==================================
हिंदी, संस्कृत मातृ सम , आंग्ला, उर्दू जान।
फ्रांसीसी भाषा सहित, तेलुगु थोडा़ ज्ञान।।०९।।
==================================
अपने परिचय का यहीं, करता हूं मैं अंत।
बनकर रहना है सदा, मुझको अच्छा संत।।१०।।
#प्रताप