दोहा काणे और खोडे
शौक नवाबों आले, हालात जमा माडे.
कतई चांदी काट रहे,काणे और खोडे.
.
वार के दस्तूर बुरे, बारंबार ढाल अडाते,
चैस का खेल नहीं, राजा पडोस लखाते
शौक नवाबों आले, हालात जमा माडे.
कतई चांदी काट रहे,काणे और खोडे.
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वार के दस्तूर बुरे, बारंबार ढाल अडाते,
चैस का खेल नहीं, राजा पडोस लखाते