दोहा एकादश … राखी
दोहा एकादश … राखी
बहना माँगे भाई से, बस थोड़ा सा प्यार ।
राखी पावन प्रेम के ,बंधन का आधार।1।
सावन में सावन बहे, आँखों से सौ बार।
राखी पर परदेस से, बहना भेजे प्यार।2।
आ न सकी परदेस से, राखी अबकी बार।
राखी के त्यौहार पर,बह निकली जलधार।3।
बाँध ज़रा तू हाथ पर, बहना अपना प्यार।
तुझको दूँगा आज तू ,जो माँगे उपहार ।4।
राखी है इस हाथ पर, बहना तेरी शान।
तेरे पावन प्यार पर, मुझको है अभिमान।5।
सावन में सावन बहे, आँखों से सौ बार।
राखी पर परदेस से, बहना भेजे प्यार।6।
बहना आजा आ गया, राखी का त्यौहार ।
बाँध हाथ में प्यार के, धागों का संसार ।7।
धागे राखी के बड़े, होते हैं अनमोल ।
इस रिश्ते के प्यार को, दौलत में मत तोल ।8।
राखी की थाली सजी,लाई भाई के द्वार ।
भाई का बहना करे, राखी से शृंगार ।9।
रूठे भैया की करूँ, बार – बार मनुहार ।
सात समन्दर पार से, आ न सकी इस बार ।10।
बन्द लिफाफे में बहिन , भेजे अपना प्यार ।
केसर कुंकुम राखियाँ, कर लेना स्वीकार ।11।
सुशील सरना / 19-8-24