दोहरी सोच
दोहरी सोच
एक मँच पर एक समाज सेविका महिला पश्चिम परिधान मे स्वयं को लपेटे हुए व आधुनिक विचारों से ओत प्रोत अपने संबोधन मे नीचे बैठी महिलाओं को भारतीय संस्कृति को जीवित रखने हेतु अनुसरण करने की दुहाई दे रही थी।
दोहरी सोच
एक मँच पर एक समाज सेविका महिला पश्चिम परिधान मे स्वयं को लपेटे हुए व आधुनिक विचारों से ओत प्रोत अपने संबोधन मे नीचे बैठी महिलाओं को भारतीय संस्कृति को जीवित रखने हेतु अनुसरण करने की दुहाई दे रही थी।