दोहरा चेहरा
मुझसे इतनी नफरत कैसे कर लेते हो,
एक छत के नीचे रहकर भी ,इतनी दूर कैसे रह लेते हो,
ऐसा कैसे कर लेते हो।
कभी मुझ से रूबरू हुए ही नहीं, अपनों से बात करो दुनिया से यह कहते हो,
ऐसा कैसे कर लेते हो ।
मैंने हर पल तेरा साथ दिया ,फिर भी मुझको तन्हा कैसे कर देते हो,
ऐसा कैसे कर लेते हो ।
मुझको गम के समंदर में छोड़ दिया ,अपनों को खुश रखो दुनिया से कहते हो,
ऐसा कैसे कर लेते हो।
दुनिया से कहते हो अपनों का साथ ना छोड़ो,
मुझको तन्हा छोड़ कर महफिल अपनी सजा लेते हो,
ऐसा कैसे कर लेते हो ।
तुम्हारी खामोशी से घुटन होती है मुझे ,तुम बाहर जाकर हंस लेते हो, देख मुझे रोता तुम खुश हो लेते हो,
ऐसा कैसे कर लेते हो ।
अंदर कुछ बाहर कुछ इतना दिखावा कैसे कर लेते हो ,यह दोहरा चेहरा लेकर कैसे जी लेते हो ,
ऐसा कैसे कर लेते हो।