दोहरा किरदार कैसे निभा लेते हो
दोहरा किरदार कैसे निभा लेते हो
सबको एक सा कैसे लुभा लेते हो
इस तरह का हुनर सीखें हो कहाँ
सच को भी झूठ से छुपा लेते हो
बातों में मिठास है इस कदर की
हलाहल आसानी से पचा लेते हो
पत्ते वाकिफ है तेरे होशियारी से
सांसो को सांसो से दबा लेते हो
एक साथ रिश्ते बहुतों के साथ है
ताज्जुब, इन्हे कैसे बचा लेते हो
? रवि कुमार सैनी ‘राही’