दोस्त
दोस्त (चौपाई)
अगर दोस्त का ख्याल रखोगे।
दिल से सुन्दर सदा रहोगे।।
पूरन होगी मन की आशा।
भग जायेगी घोर निराशा।।
दोस्त सदा तेरा रखवाला।
अतिशय भावुक प्रिय मतवाला।।
इसका साथ हमेशा देना।
दे कर खुशियाँ मन हर लेना।।
हरदम तेरे पास रहेगा।
सदा प्रेम की बात करेगा।।
कभी न इससे मुँह मोड़ो प्रिय।
हे आदरणीय!रखो इसको हिय।।
बहुत काम का दोस्त तुम्हारा।
तुझको देगा सदा सहारा।।
यह जिसको भी दोस्त बताता।
आजीवन यह साथ निभाता।।
इसके उर में नित बसते हो।
अंग अंग में नित रहते हो।।
पक्का साथी यही एक है।
वफादार इंसान नेक है।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।