Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2024 · 2 min read

“दोस्त हो तो दोस्त बनो”

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
=================
करो तुम दोस्ती मुझसे, सदा ही दोस्त ही रहना !
निभाना हो अगर तुमको, मुझे तुम दोस्त ही कहना !!
करो तुम दोस्ती मुझसे, सदा ही दोस्त ही रहना !
निभाना हो अगर तुमको, मुझे तुम दोस्त ही कहना !!
ललक है दोस्त बनने की, उसे अपना सदा समझो !
कभी भी जुड़ गए उनसे ,सदा स्वीकार ही कर लो !!
करो तुम दोस्ती मुझसे ,सदा ही दोस्त ही रहना !
निभाना हो अगर तुमको ,मुझे तुम दोस्त ही कहना !!
प्रसिद्धि मिल गई तुमको, वो तेरे कर्म का फल है !
बने तुम वीर योध्या तो, तुम्हारे तन में वो बल है !!
करो तुम दोस्ती मुझसे ,सदा ही दोस्त ही रहना !
निभाना हो अगर तुमको ,मुझे तुम दोस्त ही कहना !!
सुदामा कृष्ण के थे मित्र ,नहीं था उनमें कोई भेद !
किया है कार्य ही क्षण में ,नहीं था उनको कोई खेद !!
करो तुम दोस्ती मुझसे ,सदा ही दोस्त ही रहना !
निभाना हो अगर तुमको ,मुझे तुम दोस्त ही कहना !!
बहुत कम लोग है ऐसे ,सभी को अपना कहते हैं !
बने हैं दोस्त लोगों के , नहीं संवाद वो करते हैं !!
करो तुम दोस्ती मुझसे ,सदा ही दोस्त ही रहना !
निभाना हो अगर तुमको , मुझे तुम दोस्त ही कहना !!
वे अपने धुन के मालिक हैं, उन्हें अपना ही कहना है !
उन्हें लोगों से मतलब क्या? यशस्वी खुद को बनना है !!
करो तुम दोस्ती मुझसे ,सदा ही दोस्त ही रहना !
निभाना हो अगर तुमको ,मुझे तुम दोस्त ही कहना !!
नहीं भूलो कभी भी तुम ,सदा ही अपने लोगों को !
रहो जुड़के हमेशा तुम ,बने जब दोस्त लोगों के !!
करो तुम दोस्ती मुझसे ,सदा ही दोस्त ही रहना !
निभाना हो अगर तुमको ,मुझे तुम दोस्त ही कहना !!
==================
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत
18.04.2024

Language: Hindi
102 Views

You may also like these posts

🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
क्युँ हरबार ये होता है ,
क्युँ हरबार ये होता है ,
Manisha Wandhare
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
■ सुरीला संस्मरण
■ सुरीला संस्मरण
*प्रणय*
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
Bhupendra Rawat
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
Neelam Sharma
" क़ैद में ज़िन्दगी "
Chunnu Lal Gupta
काश!
काश!
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो,
सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो,
manjula chauhan
2819. *पूर्णिका*
2819. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
” सबको गीत सुनाना है “
” सबको गीत सुनाना है “
DrLakshman Jha Parimal
- उसको देखा आज तो
- उसको देखा आज तो
bharat gehlot
प्यार खुद से कभी, तुम करो तो सही।
प्यार खुद से कभी, तुम करो तो सही।
Mamta Gupta
करवाचौथ
करवाचौथ
Surinder blackpen
पेड़ पर अमरबेल
पेड़ पर अमरबेल
Anil Kumar Mishra
फितरत दुनिया की...
फितरत दुनिया की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ಬನಾನ ಪೂರಿ
ಬನಾನ ಪೂರಿ
Venkatesh A S
sp112 पत्थर जैसे कई/ अपने अहम की
sp112 पत्थर जैसे कई/ अपने अहम की
Manoj Shrivastava
फिलहाल अंधभक्त धीरे धीरे अपनी संस्कृति ख़ो रहे है
फिलहाल अंधभक्त धीरे धीरे अपनी संस्कृति ख़ो रहे है
शेखर सिंह
*खोटा था अपना सिक्का*
*खोटा था अपना सिक्का*
Poonam Matia
वक़्त को क्या
वक़्त को क्या
Dr fauzia Naseem shad
Virtual vs. Real: The Impact on Brain Development of Children in Modern World
Virtual vs. Real: The Impact on Brain Development of Children in Modern World
Shyam Sundar Subramanian
हां,अब समझ आया
हां,अब समझ आया
Seema gupta,Alwar
गर्त में था तो सांत्वना थी सहानुभूति थी अपनो की
गर्त में था तो सांत्वना थी सहानुभूति थी अपनो की
VINOD CHAUHAN
तुझ से ऐ जालिम
तुझ से ऐ जालिम
Chitra Bisht
भावुक हुए बहुत दिन हो गये..
भावुक हुए बहुत दिन हो गये..
Suryakant Dwivedi
*शादी के खर्चे बढ़े, महॅंगा होटल भोज(कुंडलिया)*
*शादी के खर्चे बढ़े, महॅंगा होटल भोज(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
घर आना दोस्तो
घर आना दोस्तो
मधुसूदन गौतम
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी शिद्दत से गर्मी, कभी बारिश की फुहारें ,
कभी शिद्दत से गर्मी, कभी बारिश की फुहारें ,
पूर्वार्थ
Loading...