दोस्त जो निभाए साथ (मित्र दिवस पर कविता )
मित्र कहो या
दोस्त कहो
फ्रेंड हो या
हो वह कोई
हमसफ़र
होना चाहिए
वह सच्चा साथी
बुरे वक्त में
साथ निभाएँ
अगर हो
राह गलत
सही राह पर
वह लाएं
बिगड़ा
एक दोस्त
बिगड़ता है
दस को
करो दोस्ती
सोच समझ कर
चाहे देश हो
या विदेश
मत तोड़ो विश्वास
माता पिता का
हैं वह सच्चे दोस्त
जीवन के
करो नमन
उस दोस्ती को
जो दें साथ
नि:स्वार्थ
जीवन में
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल