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3 Mar 2024 · 1 min read

दोस्त कहता है मेरा खुद को तो

दोस्त कहता है मेरा खुद को तो
इस अनमोल बेमेल दोस्ती को
गणित के अंकों सा नहीं बल्कि
नेह के धागों से जोड़ना।
चल तो रही वषों से इसलिए
इसे मोहब्बत के तराजू में नहीं
प्रीत के पलड़ों में तोलना,
और हां,दिल से तो मत जोड़ना
जोड़ना तो इसे रूह से ही जोड़ना।
मोहब्बत में तो रिश्ते टूट जाते हैं,
अपने भी छूट जाते हैं।
नेह भरे, रूह से जुड़े
टूट कर भी नहीं टूट पाते हैं,
लगाव गहरा होता है
ना याद करने पर भी याद स्वत:आ जाते हैं।
-सीमा गुप्ता, अलवर राजस्थान

1 Like · 219 Views

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