Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2024 · 1 min read

दोस्ती

दोस्ती (वर्ण पिरामिड)

क्या
दोस्ती
का यह
मतलब
होता है प्यारे?
बात करो मत
कन्नी काट किनारे।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 40 Views

You may also like these posts

योग
योग
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
चीरता रहा
चीरता रहा
sushil sarna
सितारों से सजी संवरी एक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी एक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
तुम कभी यह चिंता मत करना कि हमारा साथ यहाँ कौन देगा कौन नहीं
तुम कभी यह चिंता मत करना कि हमारा साथ यहाँ कौन देगा कौन नहीं
Dr. Man Mohan Krishna
कमरा उदास था
कमरा उदास था
Shweta Soni
गंगा- सेवा के दस दिन (चौथादिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (चौथादिन)
Kaushal Kishor Bhatt
चुप्पी!
चुप्पी!
कविता झा ‘गीत’
4183💐 *पूर्णिका* 💐
4183💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
“सन्धि विच्छेद”
“सन्धि विच्छेद”
Neeraj kumar Soni
उसने मेरे खिलाफ बोला है
उसने मेरे खिलाफ बोला है
अरशद रसूल बदायूंनी
"सपेरा"
Dr. Kishan tandon kranti
ये लफ़्ज़ ये अल्फाज़,
ये लफ़्ज़ ये अल्फाज़,
Vaishaligoel
उम्मीद है दिल में
उम्मीद है दिल में
Surinder blackpen
पिता
पिता
Swami Ganganiya
पतझड़ मे एक दर्द की
पतझड़ मे एक दर्द की
अमित कुमार
*Near Not Afar*
*Near Not Afar*
Poonam Matia
वो एक ही मुलाकात और साथ गुजारे कुछ लम्हें।
वो एक ही मुलाकात और साथ गुजारे कुछ लम्हें।
शिव प्रताप लोधी
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
Phool gufran
यथार्थ से दूर का नाता
यथार्थ से दूर का नाता
Dr MusafiR BaithA
सत्य की खोज में।
सत्य की खोज में।
Taj Mohammad
बसंत के रंग
बसंत के रंग
Shutisha Rajput
ममता
ममता
Rambali Mishra
Life isn't all about dating. Focus on achieving your goals a
Life isn't all about dating. Focus on achieving your goals a
पूर्वार्थ
🙅Attention Please🙅
🙅Attention Please🙅
*प्रणय*
राज छोड़ बनवास में आया था मेरे साथ में
राज छोड़ बनवास में आया था मेरे साथ में
Baldev Chauhan
चुनौतियाँ
चुनौतियाँ
dr rajmati Surana
एक उलझी किताब है जीवन
एक उलझी किताब है जीवन
पंकज परिंदा
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
Sonam Puneet Dubey
हर गली में ये मयकदा क्यों है
हर गली में ये मयकदा क्यों है
प्रीतम श्रावस्तवी
Loading...