Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2022 · 1 min read

दोस्ती

जब दोस्त बनाया है तो दोस्ती निभानी होगी !
यदा -कदा बात तो यहाँ मुझसे करनी होगी !!
बरना यूँ आपकी तस्वीर ही मैं क्यूँ लगा रखूँ !
बेवज़ह आपको अपने सीने से क्यूँ छुपा रखूँ !!@परिमल

Language: Hindi
378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नारी को सदा राखिए संग
नारी को सदा राखिए संग
Ram Krishan Rastogi
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय प्रभात*
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
आर.एस. 'प्रीतम'
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
एक पुष्प
एक पुष्प
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बुंदेली दोहा-अनमने
बुंदेली दोहा-अनमने
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
याद आते हैं
याद आते हैं
Juhi Grover
बाल विवाह
बाल विवाह
Mamta Rani
3006.*पूर्णिका*
3006.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पढ़िए ! पुस्तक : कब तक मारे जाओगे पर चर्चित साहित्यकार श्री सूरजपाल चौहान जी के विचार।
पढ़िए ! पुस्तक : कब तक मारे जाओगे पर चर्चित साहित्यकार श्री सूरजपाल चौहान जी के विचार।
Dr. Narendra Valmiki
अंधेरा कभी प्रकाश को नष्ट नहीं करता
अंधेरा कभी प्रकाश को नष्ट नहीं करता
हिमांशु Kulshrestha
आए हैं रामजी
आए हैं रामजी
SURYA PRAKASH SHARMA
कब तक
कब तक
आर एस आघात
" मैं सिंह की दहाड़ हूँ। "
Saransh Singh 'Priyam'
जिन स्वप्नों में जीना चाही
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
तलबगार दोस्ती का (कविता)
तलबगार दोस्ती का (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
Unveiling the Unseen: Paranormal Activities and Scientific Investigations
Unveiling the Unseen: Paranormal Activities and Scientific Investigations
Shyam Sundar Subramanian
सत्य संकल्प
सत्य संकल्प
Shaily
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" सब भाषा को प्यार करो "
DrLakshman Jha Parimal
Things to learn .
Things to learn .
Nishant prakhar
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
कविता
कविता
Shyam Pandey
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
सेवा या भ्रष्टाचार
सेवा या भ्रष्टाचार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लोगो समझना चाहिए
लोगो समझना चाहिए
शेखर सिंह
"ख्वाहिशें"
Dr. Kishan tandon kranti
परेशानियों का सामना
परेशानियों का सामना
Paras Nath Jha
Loading...