दोस्ती के धरा पर संग्राम ना होगा
दोस्ती के धरा पर संग्राम ना होगा
जीवन के नैय्या में विश्राम ना होगा
तेरी खुशियों पर कभी विराम ना होगा
दीवानगी में कोई राधे घनश्याम ना होगा
नवनीत पाण्डेय “चंकी”
दोस्ती के धरा पर संग्राम ना होगा
जीवन के नैय्या में विश्राम ना होगा
तेरी खुशियों पर कभी विराम ना होगा
दीवानगी में कोई राधे घनश्याम ना होगा
नवनीत पाण्डेय “चंकी”