दोस्ती का रिश्ता
कोई तो है, जो…
मुझ पर प्यार भरी
एक नजर रखता है
अपनी हर अदा से
जुदा असर रखता है
हर मुश्किल घड़ी में
कदम से कदम मिलाकर
हमसाए की तरह चलता है
उसकी हिम्मत मेरे साथ है
खलने दो, अगर यह
किसी को खलता है
उस रिश्ते के दम पर
मेरे हौसलों का चराग
आंधियों में भी जलता है
रंज सभी मेरे वह बांटता है
खुशी भी दोगुनी बढ़ाता है
बड़ी से बड़ी मुश्किल भी
दो हिस्सों में बंट जाती है
संगीन घड़ी भी कट जाती है
यह रिश्ता न खून का है
और न ही कानून का है
लेकिन मेरे नजदीक
दिली सुकून का है
रिश्ता यह बहुत बेजोड़ है
सब रिश्तों का निचोड़ है
मुहब्बत, वफा, पाकीज़गी का
यह रिश्ता है फ़क़त दोस्ती का