Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2023 · 1 min read

दोस्ती का तराना

चेहरे की रंगत इनसे ही आया करती थी ,
आंखे ख्वाबों की दुनिया इनसे पाया करती थी।
बँधी हुई जिन्दगी में आजादी इनसे आया करती थी,
जीवन की थकान इनसे मिलकर भाग जाया करती थी।।

मिलने पे हमेशा मुस्कराहट लौट आया करती थी,
बातों के सिलसिलों से महफिल सजा करती थी ।
जीवन के माहौल में खुशबू सी छाया करती थी,
मौसम में मस्तानगी इनसे ही आया करती थी।।

गैरों से अपनेपन की भावना इसने जागृत होती थी,
इनसे ही खूबसूरती, जीवन में खूब सजा करती थी।
बचपन की ताजगी इनके साथ ही छाया करती थी,
रोते हुए चेहरे में हंसी इनके साथ ही आया करती थी।।

अच्छे या हों बुरे,अपने हालात बताया करते थे,
कुछ बात बताया करते थे कुछ बात सुनाया करते थे।
बिना कस्मों के रस्में निःस्वार्थ निभाया करते थे,
भरोसे की ताकत हमेशा यही बढ़ाया करते थे।।

©अभिषेक पाण्डेय अभि

33 Likes · 344 Views

You may also like these posts

जब सब जुटेंगे तो न बंटेंगे, न कटेंगे
जब सब जुटेंगे तो न बंटेंगे, न कटेंगे
सुशील कुमार 'नवीन'
मत कुचलना इन पौधों को
मत कुचलना इन पौधों को
VINOD CHAUHAN
दरवाजे
दरवाजे
पूर्वार्थ
3179.*पूर्णिका*
3179.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अधरों पर विचरित करे,
अधरों पर विचरित करे,
sushil sarna
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ....
देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
खंजर
खंजर
Kshma Urmila
दुलरि ओ ,धिया जानकी
दुलरि ओ ,धिया जानकी
श्रीहर्ष आचार्य
88BET 143.215 – Link vào nhà cái 188BET hàng đầu tại Châu Á
88BET 143.215 – Link vào nhà cái 188BET hàng đầu tại Châu Á
88BET143215
दृढ़ आत्मबल की दरकार
दृढ़ आत्मबल की दरकार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
#आदरांजलि
#आदरांजलि
*प्रणय*
अपने को जो कहाएं ज्ञानी
अपने को जो कहाएं ज्ञानी
Acharya Shilak Ram
47.....22 22 22 22 22 22
47.....22 22 22 22 22 22
sushil yadav
"एक उम्र के बाद"
Dr. Kishan tandon kranti
सुशील कुमार मोदी जी को विनम्र श्रद्धांजलि
सुशील कुमार मोदी जी को विनम्र श्रद्धांजलि
विक्रम कुमार
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
Phool gufran
कल का भारत ....
कल का भारत ....
Nitesh Shah
ज़िन्दगी अपनी
ज़िन्दगी अपनी
Dr fauzia Naseem shad
*सुबह टहलना (बाल कविता)*
*सुबह टहलना (बाल कविता)*
Ravi Prakash
रूह का रिश्ता
रूह का रिश्ता
Seema gupta,Alwar
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
Abhishek Soni
हां मैं योद्धा बनूंगी
हां मैं योद्धा बनूंगी
Madhuri mahakash
2020
2020
Naushaba Suriya
माना कि हम बेवफा हैं, 2 पर ए मेरे यार तुम तो बेवफा ना थे।
माना कि हम बेवफा हैं, 2 पर ए मेरे यार तुम तो बेवफा ना थे।
Annu Gurjar
भिगो रहा जमकर सावन
भिगो रहा जमकर सावन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*जीवन का गणित*
*जीवन का गणित*
Dushyant Kumar
हर मुश्किल का
हर मुश्किल का
surenderpal vaidya
*गैरों सी! रह गई है यादें*
*गैरों सी! रह गई है यादें*
Harminder Kaur
अतीत
अतीत
"एकांत "उमेश*
Loading...