Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

दोगलापन

दोगलापन”

जो संकटकाल को भी अवसर बना रहे हैं,
वो दूसरों को डंके की चोट पर देशद्रोही बता रहे हैं।

शहीदों की क़ुर्बानी भुलाई नहीं जाएगी,
बस यह पंक्ति बार-बार दोहराई जाएगी।

मक़सद पूरा हुआ शाहिद पृष्ठभूमि में चले जाते हैं,
शब्द याद नहीं रहते जो भावुकता में कहे जाते हैं।

झूठ पर झूठ बोलते अब इतना हो गया,
उनका कभी कभार बोला सच भी झूठ में खो गया।

मैं क्या कर रहा हूँ इस पर नहीं है ज़ोर,
वो कुछ नहीं करता सारा ध्यान है इस ओर।

आपदा में भी दूसरों की कमी निकालना धर्म हो गया,
वातावरण बिगाड़ना जैसे राजनेताओं का कर्म हो गया।

हर वक्त राजनैतिक लाभ के अवसर खोजे जाते हैं,
इसके लिए लोगों की जान तक दांव पर लगाते हैं।

कथनी और करनी इनकी मेल नहीं खाती हैं,
हर बार अवसर देख दोनों ही बदल जाती हैं।

कितना असहाय महसूस करते हैं वो,
इनके स्वाँग को पूरी तरह समझते हैं जो।

197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Khajan Singh Nain
View all
You may also like:
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
'अशांत' शेखर
"धूप-छाँव" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"विश्वास"
Dr. Kishan tandon kranti
सच और सोच
सच और सोच
Neeraj Agarwal
సూర్య మాస రూపాలు
సూర్య మాస రూపాలు
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
आंखों से पिलाते हुए वो रम‌ चली गई।
आंखों से पिलाते हुए वो रम‌ चली गई।
Sachin Mishra
नए साल का सपना
नए साल का सपना
Lovi Mishra
*बिखरा सपना  संग संजोया*
*बिखरा सपना संग संजोया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरे जीवन में गुरु का दर्जा ईश्वर के समान है। “गुरु बिन भव न
मेरे जीवन में गुरु का दर्जा ईश्वर के समान है। “गुरु बिन भव न
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
तमाशा जिंदगी का हुआ,
तमाशा जिंदगी का हुआ,
शेखर सिंह
"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak
“हम अब मूंक और बधिर बनते जा रहे हैं”
“हम अब मूंक और बधिर बनते जा रहे हैं”
DrLakshman Jha Parimal
ये कैसी दीवाली
ये कैसी दीवाली
Satish Srijan
जीवन से  प्यार करो।
जीवन से प्यार करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चमकत चेहरा लजाई
चमकत चेहरा लजाई
राधेश्याम "रागी"
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
Atul "Krishn"
4343.*पूर्णिका*
4343.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
ओसमणी साहू 'ओश'
बेटियाँ
बेटियाँ
Raju Gajbhiye
कस्तूरी (नील पदम् के दोहे)
कस्तूरी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
एक छोर नेता खड़ा,
एक छोर नेता खड़ा,
Sanjay ' शून्य'
"पिता दिवस: एक दिन का दिखावा, 364 दिन की शिकायतें"
Dr Mukesh 'Aseemit'
*वह अनाथ चिड़िया*
*वह अनाथ चिड़िया*
Mukta Rashmi
...
...
*प्रणय*
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
पूर्वार्थ
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
इशरत हिदायत ख़ान
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
तेरी मौजूदगी में तेरी दुनिया कौन देखेगा
तेरी मौजूदगी में तेरी दुनिया कौन देखेगा
Rituraj shivem verma
*अपनी मस्ती में जो जीता, दुख उसे भला क्या तोड़ेगा (राधेश्याम
*अपनी मस्ती में जो जीता, दुख उसे भला क्या तोड़ेगा (राधेश्याम
Ravi Prakash
💐श्री राम भजन💐
💐श्री राम भजन💐
Khaimsingh Saini
Loading...