देहदान का संकल्प (सौहार्द शिरोमणि संत सौरभ पर अधारित)
देहदान का संकल्प
सौहार्द शिरोमणि संत डा.सौरभ एवम डा रागिनी पर आधारित रचना
संत सौरभ का है अद्भुत प्रण,
देहदान का संकल्प लिया महान,
मानवता की सेवा में लग कर
हर दिल में पा लिया सम्मान।
जीवन की हर धारा में,
प्रेम और करुणा का प्रवाह,
अर्धांगिनी संग मिलकर,
दी मानवता को नई राह।
रागिनी संग सौरभ जोड़ी जब,
सेवा के पथ पर एक नई कड़ी
देहदान के इस संकल्प ने,
हर दिल में ज्योति नई गढ़ी।
जीवन नश्वर है, पर कर्म अमर,
इस सत्य को उन्होंने पहचान लिया,
मृत्यु से परे भी जीने का,
हर एक को यह ज्ञान दिया।
हर तन की सुगंध से इनकी
फैली है सेवा की महक,
सौरभ रागिनी के इस त्याग से
हर मन को छूने की दिखी एक झलक।
जीवन का संदेश यही,
प्रेम और सेवा का ही मोल है
संत सौरभ और रागिनी ने,
दिया हमें दिया ये तोहफा अनमोल है।
प्रण उनका बने जग में प्रेरणा,
हर जन के लिए बने ये मिसाल,
देहदान का ये संकल्प,
मानवता की बन ये मजबूत ढाल।
डॉ निशा अग्रवाल
जयपुर राजस्थान