देश हमारा
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ !
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देश हमारा
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विश्व गुरू था देश हमारा, फिर परचम लहरायेगा ।
अपना खोया वैभव जग में, देश पुनः फिर पायेगा ।।
छुआछूत का भाव हृदय से, दूर हमें करना होगा ।
भारतवासी हैं सब भाई, भाव हृदय भरना होगा ।।
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भेदभाव की परिपाटी ने, बाँट दिया है लोगों को ।
ऊँच-नीच ने दिया बढ़ावा, लोगों के मन रोगों को ।।
तेरा-मेरा भाव त्याग कर, हम का भाव बसाना है ।
देशभक्ति का बहुत अनूठा, अपने पास खजाना है ।।
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
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